ऊँ नमो अरहदो भगवदो चंद्रप्रभ जिनेंद्राय, चंद्र महिताय , चंद्रकीर्ती, मुखरंजनी सवाहा ।।
आज शरदपूरणिमा के पावन अवसर पर रात्रि में चंद्रमा की रोशनी में बैठकर इस मंत्र का जाप करने से सरस्वती की सिद्धि होती है बीमारी में लाभ मिलता है और साधक चारों दिशाओं में यश और प्रसिद्धि को प्राप्त करके संसार के सभी उत्तम सुखों को प्राप्त करता है चूंकि पंचांग के अनुसार शरदपूरणिमा आज दिनांक 15 - 10 - 2016 से समय दोपहर एक बजकर पच्चीस मिनट से प्रारंभ होकर कल दिनांक 16 - 10 -2016 की सुबह नौ बजकर तिरेपन मिनट तक रहेगी इसीलिए जाप करना आज की रात्रि में ही उचित रहेगा ।।
नोट :- आज रात्री में आप ड्राइ फ्रूट्स, फल , खीर , दूध, मिठाइयाँ और अन्य खाद्य पदार्थ और खासकर यदि घर में कोई भी व्यक्ति बीमार हो तो उसकी दवाइयाँ भी आप आज की रात चंद्रमा की रोशनी में रख दें क्योंकि आज की रात चंद्रमा से अमृत बरसेगा अतः जो भी व्यक्ति आज की रात को चंद्रमा की रोशनी में रखे हुए खाद्य पदार्थों और दवाइयों का सेवन करेगा वह निश्चित ही निरोगी सवसथ और दीर्घायु होगा ।।
जाप का समय - रात्रि 10 बजे से सुबह 4 बजे तक
माला - सफटिक या सच्चा मोती
वस्त्र - सफेद
आसन - सफेद
मुख - उत्तर या पूर्व
उंगली - अनामिका
माला - कम से कम तीन
एकटक चंद्रमा को आज रात्री में देखने से आँखों की रोशनी बढती है ।।
क्षुल्लक श्री 105 सुगंध सागर जी महाराज
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