सोते समय हमें क्यों सभी चीजों का त्याग करके सोना चाहिए ?

जब हम सोने चले जाते हैं और इन सभी वस्तुओ का भोग नहीं करते हैं लेकिन फिर भी हमें दोष लगते हैं अगर इन सब पापो का त्याग करके सोते हैं तो उनका दोष तक भी नहीं लगता । 
शास्त्रों में कहा गया है 24 घंटे लगातार (हम सोते हैं जब भी ) कर्म बनते हैं ।
त्याग करके सोने में हमारे पाप कर्म का बंध नहीं होता। हमे सोने के पहले रोज़ कुछ इस तरह बोलने का प्रयास करना चाहिए 
"" हे भगवान इस भव (जीवन ) में या पूर्व के किसी भी भव् में मेने जाने अनजाने में किसी भी जीव का दिल दुखाया हो तो में मन , वचन और का्य से दिल से सभी जीवो से क्षमा मांगता हू और सभी जीवो के प्रति क्षमा भाव भी रखता हू ।🙏🙏
मेरे नीद आने के बाद से उठने तक चारो तरह के आहार का ( खाद्य ,स्वाद ,लेह पेय ), चारो कषायो ( क्रोध , मान ,माया , लोभ ) का और पांचो पापो ( हिंसा , झूठ ,चोरी ,कुशील ,परिग्रह ) का त्याग 🙏
ये बोलकर नो बार भगवान का नाम लेकर सो जाये ।
( अगर हम रोज़ ऐसा करते हैं तो रोज़ तो अनंतानंत पुण्य मिलता ही है और अगर हम किसी दिन सोते सोते मर गए तो निश्चित रूप से हमारी सदगति होनी ही है...