ज्ञान अमृत प्रार्थना

हमारे कष्ट मिट जाएँ, नही यह प्रार्थना स्वामी ।
डरें ना संकटों से हम, यही है भावना स्वामी ।।

दुखों में साथ दे कोई, नहीं यह प्रार्थना स्वामी !
बनें सक्षम स्वयं ही हम, यही है भावना स्वामी ।।

रहे सुख की सदा छाया, नहीं यह प्रार्थना स्वामी
खरे उतरें परीक्षा में, यही है भावना स्वामी ।।

'हमारा भार घट जाए, नहीं यह प्रार्थना स्वामी !
किसी पर भार ना हों हम, यही है भावना स्वामी

हमारी पूर्ण हो आशा, नहीं यह प्रार्थना स्वामी ।
निराशा हो न अपने से, यही है भावना स्वामी ।।

सभी पीछे रहें हमसे, नहीं यह प्रार्थना स्वामी !
बढ़ें आगे हमहीं से हम, यही है भावना स्वामी

बढे धन-संपदा भारी, नही यह प्रार्थना स्वामी !
रहे संतोष थोड़े में, यही है भावना स्वामी ।।

दुखी हों दुष्ट जन सारे, नहीं यह प्रार्थना स्वामी ।
सभी दुर्जन बने सज्जन, यही है भावना स्वामी

करें बर्ताव सब अच्छा, नहीं यह प्रार्थना स्वामी !
सुधर जाएँ स्वयं ही हम, यही है भावना स्वामी

दुखों में आपको ध्यायें, नही यह प्रार्थना स्वामी ।
कभी ना आपको भूलें, यहीँ है भावना स्वामी