जैन धर्म में वक्त/काल/समय/Time की सबसे छोटी यूनिट को "समय" कहते हैं ! और सबसे बड़ी को "सागर" ...
सागर इसलिए, जैसे पानी की सबसे बड़ी राशि समुद्र में होती है, उसी तरह "समय" की सबसे बड़ी राशि को सागर बोला गया है !
सागर से बड़ी कोई यूनिट नहीं, उसके बाद तो सागर गुणा सागर चलता है !!!
1 समय :- एक परमाणु एक प्रदेश से सटे हुए दुसरे प्रदेश तक जाने में जितना time लगाता है, उसको "१ समय" बोलते हैं !
ऐसे अनगिनत (infinite) समय = 1 आवली
कुछ करोड़ आवली = 1 स्वास (जितना टाइम हमारी नाड़ी, pulse एक बार चलने में लगाती है )
78 and a half स्वास = १ मिनट
24 मिनट = 1 घड़ी
2 घड़ी (48 मिनट) = 1 मुहूर्त
1 अन्तर्मुहुर्त = 1 समय से अधिक और 1 मुहूर्त से कम (1 समय से लेकर 48 मिनट के बीच का कोई भी टाइम, लेकिन 48 मिनट से कम होना चाहिए और १ समय से ज्यादा)
कह सकते हैं कि,
1 अन्तर्मुहुर्त > 1 समय && 1 अन्तर्मुहुर्त < 2 घड़ी (48 मिनट)
60 मिनट = 1 घंटा (वाही अपना clock वाला 1 hour)
3 घंटे = 1 प्रहर
8 प्रहर = 1 दिन (एक दिन-रात)
15 दिन = 1 पक्ष
2 पक्ष = 1 महीना (month)
2 महीने = 1 ऋतु
6 ऋतु = 1 वर्ष/साल (year)
84 लाख वर्ष (8400000 years) = 1 पूर्वांग
84 लाख पूर्वांग (8400000 पूर्वांग) = 1 पूर्व
1 करोड़ पूर्व (10000000 पूर्व) = 1 कोटि पूर्व
असंख्यात (UNCOUNTABLE) कोटि पूर्व = 1 "पल्य"
1 "पल्य" = एक योजन (8 miles या 12.8748 kilometer) लम्बा, गहरा और चौड़ा गड्ढा
या 12.8748 kms का क्यूब खोद लो, उसमे newly born sheep-pup के बालों को उतना छोटा करके की
जिसके 2 टुकड़े न हो सके आगे फिर, ऐसे उन भेड़ के नवजात बच्चे के बालों को इस 1 योजन के गड्ढे में कूट-कूट कर भरना है और उसके बाद सौ-सौ साल के बाद 1-1 बाल को निकालते हुए, इस गड्ढे को खली करने में जितना टाइम लगता है, वो 1 "पल्य" है !!!
1 "पल्य" , UNCOUNTABLE years का होता है !
10 कोड़ा-कोड़ी पल्य = 1 सागर
कोड़ा-कोड़ी = 1 करोड़ x 1 करोड़
कुछ कर्मों कि उत्कृष्ट स्थिति कोड़ा-कोड़ी सागरों की होती है ... नरकों में सागरों कि आयु होती है ... जिसे हम कम भी नहीं कर सकते ...
ऐसे अनंत सागर हम जी चुके हैं ...
हम अनादि काल से भटक रहे हैं !!
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