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               *" तप "*

*1-ईच्छा के निरोध का नाम,तप है।*
*2-तप से ही निर्जरा होती है।*
*3-स्वरूप में प्रतपन का नाम,तप है।*
*4-तप में ताप नही,तृप्तता है।*
*5-स्वरूप में निमग्न रहने का नाम, तप है।*
*6-जिन्हें तप से डर लगता है,वे तप को पहचानते ही नही है।*
*7-तप बिना मुक्ति,असंभव है।*
*8-तप मात्र मनुष्य पर्याय में ही संभव है।*
*9-तप कष्ट का नही,महानंद का नाम है।*
*10-तप बिना कर्म का पूर्णतः कटना,असंभव है?*
*11-जो तप नही करते,वे मोह की आग में तपते हैं।*
*12-तप आराधना भी और जीती जागती प्रभावना भी।*
*13-जंगल में नही स्वरूप में रहने का नाम तप है।*
*14-सम्यक्त्व बिना तप असंभव है।*
*15-निश्चय तप धर्म है और व्यवहार तप शुभभाव रूप है।*
*16-तप देह की नही,आत्मा की उत्कृष्ट वीतरागी आनंदमयी परिणति का नाम है।*
*17-तप बहिरंग छह और अंतरंग छह इसप्रकार बारह हैं।*
*18-तप से डरोगे तो कैसे मोक्षमार्ग में बढ़ोगे?*

       🌹 *जय जिनेंद्र*🌹

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