हे तीन लोक के नाथ🙏🏾
   मेरी पूरी नींद में सोने के बाद और उठने तक में👉🏿 चारो प्रकार का आहार का त्याग का संकल्प लेती हूँ।

👉🏿शरीर  और बिस्तर का परिग्रह छोड़ कर तीन लोक में जितना परिग्रह है में तब तक के लिए त्याग करने का संकल्प लेती हूँ।

👉🏿चारो प्रकार का कषाय और पाँचो प्रकार के पापों  का तब तक के लिए त्याग करने का संकल्प लेती हूँ।

   और इन नियमों को लेने के बाद ये जरूर से बोले की👇🏿

    हे तीन लोक के नाथ👉🏿 इस भव से लेकर पूर्व के जितने भी भव में मैंने जितने जीवों को कष्ट दिया है या तकलीफ या आँशु दिए हो तो मैं उन सभी जीवों से पुरे ह्रदय से क्षमा मांगती हूँ और में सभी जीवों को पुरे ह्रदय से क्षमा करती हूँ।।

     अब 9 बार णमोकार जी बोल कर सोये🙏🏾