श्री शांतिनाथ भगवान की जय
दिनांक 9- 9- 16 रविवार को नवरात्रि की अष्टमी के शुभ दिन प्रातः 7:00 बजे आगरा की यमुना नदी में क्षेत्रीय 7 वर्षीय बालक को नहाते हुए जैन धर्म के 16 वें तीर्थंकर शांतिनाथ भगवान की प्राचीन प्रतिमा मिली। जिसे उसने निकट के दिगंबर जैन समाज के युवा श्रावक राहुल जैन को दे दी।जिसने उसे कचौरा बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर में रखवा दिय। जांच पड़ताल के बाद श्वेताम्बर प्रतिमा ज्ञात होने पर वहां की समाज ने आगरा मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष अशोक जैन सी. ए. से संपर्क किया।उन्होंने समाज के गणमान्य लोगों की मौजूदगी में प्रतिमा जी की सुपुर्दगी लेकर दादावाड़ी विराजमान करवा दी।
प्रतिमा जी का अतिशय :-
वर्षों तक यमुना की तलहटी में प्रतिमा के रहने पर भी प्रतिमा में चंदन का लगा होना आश्चर्यजनक है एवं जिस 7 वर्षीय बालक को यह प्रतिमा मिली उसके द्वारा इस प्रतिमा को मात्र एक हाथ से उठा लिया गया ।जबकि यह प्रतिमा इतनी भारी है कि दो व्यक्ति के बिना यह प्रतिमा उठाई नहीं जा सकती है।यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।