उत्म अभिमानी का कोई नहीं है


*कड़वा सच ये जान लो ।*
*झूठी शान में जीने वालो*
*सबको अपना मान लो ।।*
*मुर्दे की पहिचान अकड़ है*
*चेतन तुम क्यों रहे अकड़ ।*
*बात पते की कहे 'चपलमन'*
*'मार्दव' धर्म की करो पकड़ ।।*

*ॐ ह्रीं उत्तम मार्दव धर्मांगाय नमः।।*