धर्म प्रभावक प्रज्ञाश्रमण मुनि अमित सागर जी महाराज के प्रवचन के अंश :
संयम गाडीमें BRAKE का काम करता है ।गाडी में brake हो speed से जा रही हो फिर भी स्कूल चौराहों पर BRAKERबना दिए जाते हैं क्योकि गाडी असंयम से चलाते हो इसलिए अवरोध लगाया जाता है। तप braker है ।
संयम पुलिस शासन है जो झगडे को शांत करने की कोशीश करता हे । तप MILITRY है जो झगडे को मिटा ही देती है ।संयम में संवर होता है तप में संवर व निर्जरा दोनों होती है ।
भगवान महावीर ने तप पर जोर दिया बुद्धने ध्यान पर जोर दिया।आज ध्यान की प्रणाली ज्यादा चल रही है लेकिन बिना तप के ध्यान हो नहीं सकता। संयम धारा 144है जिसमें बिना लाठी औजार के चल सकते हो इसमें थोडी वासनाएं घूमने फिरने की रहती है लेकिन कर्फ्यू में यानि तप में वह समाप्त । इच्छाओं के छूटने का नाम तप है।
आगामी समय में वस्तुओं की लालसा रखना इच्छा है ।मूर्छा present वस्तु में आसक्त होना है इन दोनों सेरहित जो चेतना का BALANCE बनता है इसका ही नाम तप है।
गुरूवर अमित सागर जी महाराज के चरणों में कोटि कोटि वंदन ।।
उत्तम तप धर्म की जय ।