ज्ञान प्रभावक बाल योगी गुरूवर अमित सागरजी महाराज के सत्य धर्म पर दिए प्रवचन के कुछ अश:
सत्य के उद्घाटन से कषायो के आवरण हट जाते हैं तथा कषायों का अनावरण होता है ।जब कषायें हट जाती है तब सत्य प्रकट होता है । स्वर्ण में जब तक किट् कालिमा रहती है शुध्द सोना प्रकट नही होता है । सत्य के अभाव में कषायोंका उध्देग बढता है ।
एक बात ध्यान रखना व्यक्ति हमेशा देखता तो सत्य है , झूठ कभी देख नही सकता है , झूठ बोला जाता है । पूर्ण सत्य कभी बोला नही जाता देखा जा सकता है अनुभूति की जाती है। जब सत्य का ज्ञान हो जाता है तब क्रोध क्षमा में बदल जाता है , मानमार्दवता में अपने आप बदल जाता है ।
उत्तम सत्य धर्म की जय ।
गुरूवर अमित सागरजी महाराज को कोटि कोटि नमन वंदन नमोस्तु ।