*क्रोध से बढ़कर शत्रु नहीं है*
*क्रोध पाप करवाता है ।*
*क्षमा एक आभूषण है*
*जो धीर को वीर बनाता है ।।*
*क्षमावान ही जग में सुखी है*
*क्षमावान ही है गुणवान ।*
*कहे 'चपलमन' धार क्षमा को*
*क्षमावान बनता भगवान ।।*
*क्रोध पाप करवाता है ।*
*क्षमा एक आभूषण है*
*जो धीर को वीर बनाता है ।।*
*क्षमावान ही जग में सुखी है*
*क्षमावान ही है गुणवान ।*
*कहे 'चपलमन' धार क्षमा को*
*क्षमावान बनता भगवान ।।*
*ॐ ह्रीं उत्तम क्षमा धर्मांगाय नमः।।*